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मेहनत से नहीं डरते छत्तीसगढ़ के किसान-दत्त

0 जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एवं कृषि मेला का समापन

छत्तीसगढ़ के किसान मेहनत से नहीं डरते हैं, लेकिन उन्हें तकनीक व अवसर की जरूरत है। राज्य के लोगों को खुशहाल हर हाल में होना है। यह तभी संभव हो सकेगा, जब खेती व इससे जुड़े तमाम् उपकरण तथा नई तकनीक किसानों को उपलब्ध हो।

ये बातें प्रदेश के राज्यपाल महामहिम शेखर दत्त ने जांजगीर में आयोजित पांच दिवसीय जाज्वल्य देव लोक महोत्सव व कृषि मेला के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से कही। राज्यपाल ने कहा कि किसान व ग्रामीणों के आर्थिक विकास के लिए प्रदेश सरकार जितनी योजनाएं संचालित कर रही है, उसका समुचित लाभ भी मिल रहा है, यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षो की तुलना में लोगों का वर्तमान जीवन स्तर बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व अधिकारी-कर्मचारी विकास के लिए अपने स्तर पर पहल कर रहे है, लेकिन खुद के विकास के लिए जनसाधारण को आगे आना होगा। कृषि मेला व लोक महोत्सव मजबूत और बेहतर मंच है, जिसके माध्यम से खेती-किसानी से संबंधित नई जानकारियों के अलावा लोगों का मनोरंजन भी होता है। साथ ही स्थानीय कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर भी प्राप्त होता है।

राज्यपाल दत्त ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश को जिस प्रकार से विश्वसनीय छ
त्तीसगढ़ का नारा दिया गया है। अब वह समय आ गया है, जब खुशहाल छत्तीसगढ़ जोड़ा जाना उचित होगा। अविभाजित मध्यप्रदेश में हरदा और जांजगीर को एग्रीटेक मेला के लिए चुना गया था, उस परंपरा का अब बड़े रूप में निर्वहन किया जा रहा है। जांजगीर-चांपा कृषि प्रधान जिला है, जहां कृषि की अपार संभावनाएं है, यह तभी हो सकेगा, जब किसानों को खेती से जुड़ी सभी चीजें आसानी से उपलब्ध हो। विश्वसनीय छत्तीसगढ़ खुशहाल छत्तीसगढ़ के रूप में आगे आए, जिसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। प्रशासन व आम नागरिकों के सहयोग से हो रहा यह अच्छा आयोजन है, इससे अधिक से अधिक किसान व ग्रामीणों को लाभ मिला है।

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि जांजगीर-चांपा जिला कृषि के अलावा कला संस्कृति के कारण भी प्रदेश ही नही, बल्कि देश भर में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है, जिसका परिणाम है कि पहली और वर्तमान के सिंचाई स्वरूप में काफी वृद्धि हुई है। सिंचाई व धान उत्पादन के मामले में यह जिला हमेशा से अग्रणी रहा है। आगामी दिनों में फसल उत्पादन को लेकर छत्तीसगढ़ निश्चित ही हरियाणा व पंजाब को पीछे छोड़ देगा। डॉ रमन ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के एक-एक बीज धान को समर्थन मूल्य पर खरीदेगी और तत्काल रकम भुगतान भी करेगी। उन्होंने लोक महोत्सव व कृषि मेले की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर की। जिले के प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि खेती-किसानी को उन्नत बनाने के लिए नए-नए यंत्र किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, साथ ही कृषि विभाग से किसानों को योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में कृषि महाविद्यालय खोलने की निर्णय विधानसभा में लिया जा चुका है, आगामी सत्र से कालेज भी शुरू हो जाएंगे।

कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि जिले की कृषि व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर है, क्यूकि यह जिला फसल उत्पादन के मामले में अग्रणी जिला है। प्रदेश के 175 स्थानों पर अटल किसान सेंटर खोलने की तैयारी हो चुकी है, जिससे किसानों को और भी लाभ मिलेगा। विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश में कृषि मेला के लिए इस जिले को चुना गया था, तब से यह आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जिला कृषि के क्षेत्र में समृद्ध है, जहां के किसान नई तकनीक से खेती कर बम्पर फसल का उत्पादन करते आ रहे हैं। कृषि मेला के आयोजन से किसानों को आधुनिक यंत्र, नई तकनीक तथा कृषि वैज्ञानिकों से और भी जानकारी मिली है।

स्वागत भाषण कलेक्टर ब्रजेश चंद्र मिश्र ने दिया। इस मौके पर निःशक्त जन आयोग अध्यक्ष बलिहार सिंह, अकलतरा विधायक सौरभ सिंह, सक्ती विधायक सरोजा राठौर, जिला पंचायत अध्यक्ष सूरज ब्यास कश्यप सहित कृषक, पत्रकार, आम नागरिक व सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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